Table of Content
- 1 धारा 80C क्या है?
- 2 धारा 80C के अंतर्गत आयकर में कितनी बचत कर सकते हैं?
- 3 1. ईएलएसएस फंड में किए गए निवेश
- 4 2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश
- 5 3. एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) में निवेश
- 6 4. टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश
- 7 5. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश
- 8 6. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) की खरीद
- 9 7. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में निवेश
- 10 8. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश
- 11 9. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में निवेश
- 12 पात्र भुगतान: धारा 80C के अंतर्गत कटौतियां
धारा 80C क्या है?
धारा 80C आयकर की बचत कराने वाली एक धारा है जिसे वित्त अधिनियम, 2005 द्वारा प्रस्तुत किया गया था। मोटे तौर पर कहें तो, यह धारा ऐसे विभिन्न निवेशों/व्ययों/भुगतानों के संबंध में कुल आय में से कटौतियों का प्रावधान करती है जिनके लिए पहले धारा 88 के अंतर्गत कर छूट उपलब्ध थी।
धारा 80C के अंतर्गत आयकर में कितनी बचत कर सकते हैं?
इस धारा के अंतर्गत कटौती की कुल सीमा रु 1.50 लाख तक है।
1. ईएलएसएस फंड में किए गए निवेश
यह क्या है?
ईक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम या ईएलएसएस कर की बचत करने वाले म्यूचुअल फंड हैं। ये फंड अपनी परिसंपत्तियों का कम-से-कम 65% स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं। आप आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत ईएलएसएस फंड में निवेश करके रु 1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर छूट पा सकते हैं।
लॉक इन पीरियड
ईएलएसएस फंड का लॉक इन पीरियड 3 वर्ष है। यह कर बचाने वाले सभी निवेशों में सबसे कम है।
अपेक्षित रिटर्न
ईएलएसएस फंड सुनिश्चित रिटर्न की पेशकश नहीं करते हैं, पर अतीत में इन फंड ने चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति की सहायता से 12-15% के रिटर्न दिए हैं।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
ईएलएसएस फंड ईक्विटी को प्रमुखता देने वाले निवेश हैं, इसलिए एक वर्ष से अधिक तक बनाए रखे गए आपके सारे निवेश पूरी तरह कर मुक्त होते हैं।
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2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश
यह क्या है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड धारा 80C के अंतर्गत आयकर कटौतियां हासिल करने का सबसे लोकप्रिय तरीका है। पीपीएफ खाते में जमा की गई राशि विव 2018-19 के लिए धारा 80C के अंतर्गत कर कटौती की पात्र है। यह एक बचत योजना भी है और निवेश योजना भी जो भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत है।
लॉक इन पीरियड
पीपीएफ खाते की लॉक इन पीरियड 15 वर्ष होती है। 15 वर्ष के बाद निकासियां कर मुक्त होती हैं।
अपेक्षित रिटर्न
पीपीएफ निवेश जोख़िम मुक्त होता है और सुनिश्चित ब्याज देता है। पीपीएफ निवेश को हर वित्तवर्ष के लिए वित्त मंत्रालय का समर्थन मिलता है। वर्तमान ब्याज दर 7.6% है, जो वार्षिक अंतराल पर चक्रवृद्धि करती है। पीपीएफ के रिटर्न कर मुक्त होते हैं।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
आप अपना पीपीएफ खाता परिपक्व होने से पहले उसमें से पैसे निकाल नहीं सकते हैं, पर आप अपने पीपीएफ खाते में मौजूद राशि के आधार पर उस पर ऋण अवश्य ले सकते हैं।
3. एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) में निवेश
यह क्या है?
एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (कर्मचारी भविष्य निधि) वेतनभोगी कर्मचारियों को आयकर कटौती की सुविधा देता है; यह धारा 80C की कटौतियों की सूची में आता है। कर छूट के लिए अनुमत अधिकतम निवेश राशि एक वित्त वर्ष में रु 1.5 लाख है। ईपीएफ के अंतर्गत कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों मूल वेतन के 12% का योगदान करते हैं।
लॉक इन पीरियड
कर में छूट पाने के लिए, फंड का न्यूनतम 5 वर्षों के लिए लॉक होना जरूरी है। आप सेवानिवृत्ति के समय या नौकरी बदलते समय निकासी कर सकते हैं।
अपेक्षित रिटर्न
ईपीएफ वर्तमान ब्याज दर के आधार पर रिटर्न देता है जो इस समय 8.5% है।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
केवल वेतनभोगी व्यक्ति ही ईपीएफ खाता खोल सकता है। ईपीएफ में किए गए निवेश भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के अंतर्गत कर की कटौती के लिए पात्र हैं।
4. टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश
यह क्या है?
यह साधारण फिक्स डिपॉजिट जैसे होते हैं और आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत आयकर से छूट पाने की सुविधा देते हैं। अधिकतम लाभ रु 1.5 लाख है।
लॉक इन पीरियड
टैक्स सेविंग एफडी की लॉक इन पीरियड 5 वर्षों की होती है।
अपेक्षित रिटर्न
अलग-अलग बैंक ऐसे फिक्सड डिपॉजिट पर अलग-अलग दरों की पेशकश करते हैं, पर आमतौर पर इसकी ब्याज दर 7-9% होती है।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट आपकी पूंजी की 100% सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, और आपको चक्रवृद्धि रिटर्न देते हैं। हालांकि, परिपक्वता के बाद ब्याज आपकी कर योग्य आय में जोड़ी जाती है।
5. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश
यह क्या है?
एनपीएस या नेशनल पेंशन सिस्टम भारत सरकार की एक योजना है। इसमें कामकाजी पेशेवर और असंगठित कार्य क्षेत्रों के लोग अपनी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने का इंतजाम कर सकते हैं। इसमें विभिन्न प्लान मौजूद हैं और व्यक्ति अपने जोख़िम की अवधि के अनुसार प्लान चुन सकता है।
लॉक इन पीरियड
एनपीएस के तहत आपका पैसा सेवानिवृत्ति के समय तक लॉक्ड रहता है।
अपेक्षित रिटर्न
एनपीएस सुनिश्चित रिटर्न की पेशकश नहीं करता है, और निवेश का अधिकतम 50% अंश ईक्विटी में लगाया जा सकता है। हालांकि, परिपक्वता के समय एनपीएस के रिटर्न कर योग्य होते हैं।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
इसमें समर्पित पेंशन फंड मैनेजर बदलने की सुविधा होती है। आप धारा CCD(1B) के अंतर्गत कर कटौतियों के लिए एनपीएस में अधिकतम रु 50,000 का निवेश करके अतिरिक्त कर लाभ पा सकते हैं।.
6. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) की खरीद
यह क्या है?
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट अपनी खरीद वाले वर्ष में आयकर कटौती प्रदान करते हैं। धारा 80C के अंतर्गत, एनएससी में रु 1.5 लाख तक का निवेश कर छूट पाने योग्य है।
लॉक इन पीरियड
एनएससी की लॉक इन पीरियड 5 वर्षों की होती है।
अपेक्षित रिटर्न
जहां 8.1% ब्याज (वर्तमान) वार्षिक अंतराल पर चक्रवृद्धि करती है, वहीं इसके रिटर्न कर योग्य होते हैं।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
आप नामित डाकघरों से आसानी से एनएससी खरीद सकते हैं।
7. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में निवेश
यह क्या है?
यूलिप एक अलग ही किस्म का निवेश है जिसमें बीमा और निवेश का मिश्रण है। निवेश की गई राशि के एक हिस्से से निवेशक को बीमा दिया जाता है और बाकी का हिस्सा स्टॉक मार्केट में लगा दिया जाता है। यहां भी, रु 1.5 लाख तक का निवेश धारा 80C के अंतर्गत छूट का पात्र होता है। हालांकि, इनमें निवेश के विस्तृत विवरण की, या निवेश की राशि से कितना कमीशन या व्यय काटा गया है इस बारे में स्पष्टता नहीं होती है।
लॉक इन पीरियड
यूलिप की लॉक इन पीरियड 5 वर्षों की होती है।
अपेक्षित रिटर्न
रिटर्न सुनिश्चित नहीं होते हैं। पर चूंकि यूलिप ईक्विटी से जुड़े होते हैं, अतीत में इनसे 5-10% के रिटर्न मिले हैं।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
बीमे और निवेश की यह जोड़ी उपयोक्ता को कई लाभ प्रदान करती है, जो धारा 80C के अंतर्गत आने वाले सभी निवेशों में अनूठी है।
8. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश
यह क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना खाता भी रु 1.5 लाख तक की कर कटौती के लिए पात्र होता है। इसमें किसी बालिका के कानूनी संरक्षक/अभिभावक या माता/पिता की ओर से बालिका के लिए धनराशि जमा की जाती है।
लॉक इन पीरियड
सुकन्या समृद्धि योजना खाते की लॉक इन पीरियड 21 वर्ष है। हालांकि, खाताधारक बालिका 18 वर्ष की हो जाने पर, वह पिछले वर्ष के कुल शेष का 50% तक निकाल सकती है।
अपेक्षित रिटर्न
सुकन्या समृद्धि योजना सरकारी समर्थन वाली योजना है और इसमें 8.6% का सुनिश्चित रिटर्न मिलता है जो वार्षिक अंतराल पर चक्रवृद्धि करता है।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पूरी तरह कर मुक्त होते हैं। यह बालिका के लिए स्थिर वित्तीय भविष्य प्रदान करता है।
9. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में निवेश
यह क्या है?
एससीएसएस या सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम 60 वर्ष से अधिक आयु वाले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके 55 वर्ष या अधिक आयु वाले लोगों के लिए होती है।
लॉक इन पीरियड
इस योजना की लॉक इन पीरियड 5 वर्ष होती है।
अपेक्षित रिटर्न
एससीएसएस सरकार की ओर से प्रस्तुत एक जोख़िम मुक्त निवेश है जो 8.3% का रिटर्न देता है।
सर्वश्रेष्ठ विशेषता
वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और धारा 80C के अंतर्गत रु 1.5 लाख तक के निवेश पर कर की कटौती हासिल कर सकते हैं।
पात्र भुगतान: धारा 80C के अंतर्गत कटौतियां
- जीवन बीमा प्रीमियम
आप करदाता, करदाता की पत्नी एवं बच्चों के नाम में चुकाई गई वार्षिक बीमा राशि पर कर बचत का लाभ पा सकते हैं। यह भुगतान कटौती के लिए पात्र केवल तब होता है यदि चुकाया गया प्रीमियम, बीमा राशि के 10% से कम हो।
- बच्चों की ट्यूशन फीस
बच्चों की शिक्षा के लिए चुकाया गया शिक्षण शुल्क भी धारा 80C के अंतर्गत कटौतियों के लिए पात्र होता है। कुल राशि रु 1.5 लाख पर सीमित है। भारत के किसी भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या शिक्षण संस्थान को चुकाई गई फीस इस कटौती की पात्र है। पर यह आवश्यक है कि पाठ्यक्रम पूर्ण-कालिक हो।
- गृह ऋण की चुकौती
संपत्ति खरीदने या उसका निर्माण करने हेतु लिए गए ऋण पर चुकाई जाने वाली ईएमआई का मूलधन वाला अंश धारा 80C के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र होता है। यह कटौती स्टाम्प ड्यूटी, पंजीयन शुल्क और हस्तांतरण व्यय पर भी लागू होती है।
अब जबकि आप जान चुके हैं कि आप कहां-कहां कर की बचत कर सकते हैं, यही समय है कि आप आयकर की बचत शुरू कर दें। आपको बस अपने पैसे के निवेश का सही स्थान तलाशना है।
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